मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियां अपने लाइनमैनों को एक अदद बरसाती भी मुहैया नहीं करा पा रही है, जिससे वे भीगते हुए करंट का कार्य करने के लिए विवश हो रहे हैं। बारिश में भीगते हुए करंट का कार्य करने से के ओर जहां शॉक लगने का जोखिम होता है, वहीं लगातार भीगने से बीमार होने की भी आशंका रहती है। अगर एक साथ कई लाइनमैन बीमार हो जायेंगे तो विद्युत सिस्टम कभी भी धराशायी हो सकता है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स तकनीकी कर्मचारियों को पिछले तीन वर्षों से बरसाती उपलब्ध नहीं कराई गई है। जबकि मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आदेश क्रमांक 6924 दिनांक 23 सितंबर 2013 जारी कर कहा था कि तकनीकी कर्मचारियों को बारिश के मौसम बरसाती प्रदान की जाएगी। लेकिन प्रबंधन के आदेश की अवहेलना कर अधिकारी मनमानी कर रहे हैं।
संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, शशि उपाध्याय, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, संदीप दीपांकर, राहुल दुबे, दशरथ शर्मा, महेश पटेल, मदन पटेल द्वारा प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधनों से मांग की गई है कि लगातार बरसात हो रही है तकनीकी कर्मचारी पानी में भीग-भंग कर कार्य कर रहे हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य खराब होने की आशंका हमेशा बनी रहती है। अगर कर्मचारियों का स्वास्थ्य खराब हो गया तो उपभोक्ता सेवा बुरी तरह प्रभावित हो जाएगी, अत: सभी तकनीकी कर्मचारियों का यथाशीघ्र बरसाती प्रदान की जाए।