बिजली कंपनी ने अपनी अनुकंपा नियुक्ति नीति-2018 में संशोधन करते हुए कुछ नए प्रावधान प्रावधान जोड़े हैं। मध्यप्रदेश की पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने जारी सर्कुलर में कहा है कि मप्र शासन, ऊर्जा विभाग, भोपाल के द्वारा निर्देशित एवं कंपनी के संचालक मण्डल की 83वीं बैठक में पारित संकल्प में लिये गए निर्णयानुसार अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013 (संशोधित) की कंडिकाओं में आवश्यकतानुसार संशोधन पश्चात पूर्ववर्ती नीतियों एवं प्रावधानों को अधिक्रमित करते हुये कार्यालय के आदेशमें कंपनी की अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 लागू की गई थी।
पूर्व क्षेत्र कंपनी द्वारा प्रचलित अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 में निम्नांकित संशोधन किये हैं-
दिवंगत कंपनी सेवक के आश्रित पति अथवा पत्नी द्वारा योग्यता न रखने अथवा स्वयं अनुकंपा नियुक्ति न लेना चाहें तो उसके द्वारा नामांकित पुत्र या पुत्री “पात्र सदस्य न होने की स्थिति में विधवा पुत्रवधु जो दिवंगत कंपनी सेवक की मृत्यु के समय उस पर पूर्णतः आश्रित होकर उनके साथ रह रही हो, को अनुकंपा नियुक्ति दी जायेगी।”
अविवाहित दिवंगत कंपनी सेवक के भाई अथवा बहन को दिवंगत सेवक के माता-पिता की अनुशंसा के आधार पर। परंतु अविवाहित दिवंगत कंपनी सेवक के माता पिता भी जीवित न हो तो उनके आश्रित छोटे अविवाहित भाई बहन को उनकी आपसी सहमति के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति दी जायेगी।
7 वर्ष से अधिक अवधि से लापता कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति इस शर्त पर देय होगी कि संबंधित परिवार द्वारा कर्मचारी के लापता होने की पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई हो एवं पुलिस द्वारा कर्मचारी का कोई अता पता नहीं होने पर प्रतिवेदन दिया गया है। 7 (सात) वर्ष की अवधि की गणना एफआईआर दर्ज होने की दिनांक से की जावेगी।