पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संचालित स्मार्ट मीटर परियोजना में अत्यंत गंभीरता से कार्य किया जा रहा हैं। वर्ष 2028 से लेकर वर्ष 2024 तक सभी स्मार्ट मीटर भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप लागू मापंदड IS-16444 के आधार पर ही खरीदे एवं उपभोक्ताओं के यहां स्थापित किए गए हैं।
अब तक कंपनी क्षेत्र में लगाए सात लाख स्मार्ट मीटरों में से एक भी स्मार्ट मीटर हैक नहीं किया गया है। इन अत्य़ाधुनिक मीटरों के साफ्टवेयर अपग्रेडेशन भी उपभोक्ताओं अथवा बाहरी व्यक्ति के स्तर पर संभव नहीं हैं। जैसी ही कोई उपभोक्ता इन मीटरों के साथ छेड़छाड़/ टेम्परिंग की कोशिश करता हैं, तुरंत ही इंडिकेशन अथवा सिग्नेचर कंट्रोल सेंटर को प्राप्त हो जाते हैं। रिमोट लगाकर छेड़छाड़ करने वाले भी कुछ उपभोक्ताओं के यहां कार्रवाई की गई हैं।
कंपनी क्षेत्र के इंदौर सहित विभिन्न जिलों में स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ कर मीटर को सीधे नुकसान पहुंचाने पर 1500 उपभोक्ताओं पर कठोर कार्रवाई की गई है। इनसे मीटर शुल्क, खपत एवं सरचार्ज मिलाकर पांच करोड़ से ज्यादा की राशि वसूली गई है। मीटर से छेड़छाड़, शासकीय कार्य में बाधा एवं अन्य अपराधिक कार्य करने पर 10 उपभोक्ताओं के खिलाफ विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित अधिकारी, कर्मचारी ने FIR दर्ज कराई हैं।
विद्युत वितरण कंपनी ने स्पष्ट किया हैं कि स्मार्ट मीटर पारदर्शी, उपभोक्ताओं के लिए अनुकूल व सुविधाजनक है। इन मीटरों से बिलिंग, रीडिंग संबंधी शिकायतें कम हुई है, उपभोक्ता मीटरों से छेड़छाड़ की कोशिश न करें। अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।