सागर (हि.स.)। मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की टीम ने शुक्रवार को सागर जिले के परसोरिया स्थित माध्यमिक तक मान्यता प्राप्त निजी मौलाना आजाद स्कूल का निरीक्षण किया। आयोग की टीम के साथ शिक्षा विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग की टीम भी शामिल थी। निरीक्षण के दौरान आयोग की टीम को कई तरह की अनियमितताएं मिलीं। स्कूल के साथ ही यहां एक बगैर अनुमति के मदरसा संचालित पाया गया। इस मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 350 है।
जानकारी के अनुसार आजाद स्कूल में केवल आठवीं तक की मान्यता है, लेकिन यहां 9वीं और 10वीं के बच्चे भी छात्रावास मिले। शुक्रवार होने की वजह से मदरसे की छुट्टी थी, लेकिन जब स्कूल परिसर की जांच की गई तो यहां इबादत घर व वजूखाना भी पाया गया। यहां पर आयोग को कई अनियमितताएं देखने को मिली। बच्चों से आयोग के सदस्यों ने बातचीत की, जिसमें पढ़ाई के नाम पर यहां पढ़ने वाले बच्चों को प्रताड़ित करने की भी बात सामने आई है।
मप्र बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि परसोरिया में संचालित मौलाना आजाद स्कूल के नाम पर अवैध मदरसा चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब टीम ने बच्चों से बात की तो कुछ ने रोते हुए बताया कि उन्हें सुबह 4.30 बजे जबरन उठाकर मदरसे में पढ़ाया जाता है। वहीं मदरसा संचालित करने की स्कूल के पास मान्यता ही नहीं है। इस स्कूल में स्थानीय बच्चों की जगह दूसरी अन्य स्थानों के शासकीय बच्चे मिले। स्कूल में मस्जिद के साथ इबादत व वजूस्थल भी मिला। सभी बच्चे यहां मुस्लिम वेशभूषा वाली गणवेश में थे।
आठ बच्चों के माता-पिता नहीं
ओंकार सिंह ने बताया कि आठ बच्चे ऐसे मिले, जिनके माता-पिता नहीं है। इन बच्चों को प्रदेश सरकार की बाल आशीर्वाद योजना का लाभ मिलना चाहिए। चार बच्चे ऐसे भी हैं, जिनके माता या पिता नहीं है। सभी बच्चों की जानकारी एकत्रित की गई है। उन्होंने बताया कि परसोरिया के मौलाना आजाद स्कूल को केवल आठवीं तक की मान्यता है, लेकिन यहां आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराई गई जो अवैध है। छात्रावास में नवमीं व दसवीं तक के छात्र मिले।
आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि मदरसे की छुट्टी शुक्रवार को होती है। बच्चों ने बताया कि पहले आजाद स्कूल की भी छुट्टी शुक्रवार को होती थी, लेकिन एक महीने पहले ही स्कूल की छुट्टी रविवार को शुरू की गई। ओंकार सिंह ने बताया कि इस सभी अनियमितताओं का जांच प्रतिवेदन बनाकर कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। निरीक्षण डीपीसी गिरीश मिश्रा, महिला बाल विकास विभाग के दो परियोजना अधिकारी व पुलिस की टीम साथ थी।