खंडवा (हि.स.)। मध्य प्रदेश में पुलिस कस्टडी में माैत के मामले नहीं थमने का नाम नही ले रहे हैं। ताजा मामला खंडवा जिले के पंधाना थाने का है। जहां लाॅकअप में चोरी के संदेही एक आदिवासी युवक ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। हालांकि परिजन पुलिसकर्मियों पर हत्या के आरोप लगा रहे हैं। घटना शुक्रवार रात की है। इधर मामले की गंभीरता काे देखते हुए पंधाना टीआई विकास खींची, एसआई हिमाल डामोर, कॉन्स्टेबल नारायण और अनिल को सस्पेंड कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार दीवाल गांव में हुई चोरी के मामले में पुलिस 21 अगस्त को धर्मेद्र पुत्र गुमान सिंह को पूछताछ के लिए थाने लेकर आई थी। हालांकि आरोपी ने 20 लाख की चोरी के मामले में खुलासा नहीं किया, लेकिन 18 बाइक चोरी तो स्वीकार कीं। उसके पास से चोरी की तीन बाइक भी बरामद कर ली थीं। बाकी बाइक को वह बेच चुका था।
धर्मेंद्र के बेटे अर्जुन के मुताबिक पुलिस ने पिता को चार दिन से कस्टडी में लिया था। शुक्रवार रात करीब 10:10 बजे धर्मेद्र ने ओढ़ने वाली चादर से फंदा बनाकर खिड़की में लगे सरिए से लटक गया। देर रात पुलिसकर्मियों ने देखा, तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना के समय थाने में एसआई हिमाल सिंह डामोर, कॉन्स्टेबल नारायण और अनिल थे। उन्होंने उसे फंदे पर लटके देखा, तो उतारकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
माैत की खबर मिलने के बाद जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम रूम के बाहर बड़ी संख्या में समाजजन एकत्रित हुए हैं। सुरक्षा को देखते हुए पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया है। वे आक्रोशित परिवार को समझाइश देने में लगे हैं। इधर मजिस्ट्रेट की निगरानी में पैनल पोस्टमार्टम किया गया। मृतक की पत्नी रानू बाई के मुताबिक पुलिस के लोग सिविल ड्रेस में आए थे और उन्होंने पति की बांह पकड़ी और खींचकर साथ ले गए। तीन दिन तक उन्हें लॉकअप में रखा और मिलने तक नहीं दिया। उसका मोबाइल भी पुलिस के पास ही था। उन्होंने दावा किया है कि पति ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि पुलिस ने ही उसे मारकर टांग दिया है।