मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर सिटी सर्किल के दक्षिण संभाग कार्यपालन अभियंता के गढ़ा उप संभाग के अंतर्गत सूपाताल के पास स्थित 33*11 केवी सब-स्टेशन में 5 सितंबर 2024 को ब्रेकर का पोल बर्स्ट हो गया था, उसे सुधारने के लिए एसटीएम-एसटीसी के कार्यपालन अभियंता के द्वारा लाइनमैन दिलीप चौहान उम्र 52 वर्ष को भेजा गया था।
सुधार कार्य के दौरान लाइनमैन दिलीप चौहान स्लिप होकर एबी स्विच में लगे क्लैम्प के ऊपर गिर गया, जिससे दिलीप चौहान की पीठ में लगभग तीन इंच फट गया। जिसकी वजह से उसकी पीठ से तेजी से खून निकलने लगा। सहयोगियों के द्वारा दिलीप चौहान को तत्काल एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे वहां समुचित उपचार नहीं मिल पाया।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पावर मैनेजमेंट कंपनी के अस्पताल में ड्यूटी पर सिर्फ एक नर्स थी। उसके द्वारा दिलीप चौहान को टांके लगाए गए। सिस्टर के सहयोग के लिए अस्पताल में एक भी वार्ड बॉय तक नहीं था। वहीं डॉक्टर के द्वारा लाइनमैन दिलीप चौहान को जो दवाई खाने के लिए लिखी गई थी, वह दवाई तक अस्पताल में नहीं मिली।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के मुख्यालय में स्थित अस्पताल का ये हाल है कि घायल बिजली कर्मी का इलाज करने के लिए समुचित व्यवस्थाएं हैं और न ही अतिआवश्यक दवाईयां उपलब्ध हैं। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा विद्युत मंडल का जो अस्पताल संचालित किया जा रहा है, उसकी दुर्दशा हो चुकी है।
संघ के शशि उपाध्याय, मोहन दुबे, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, इंद्रपाल सिंह, पवन यादव, संदीप यादव, राहुल दुबे, मोतीलाल, अमीन अंसारी, विनोद दास, जीके कोष्टा आदि ने मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि पूरे मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती बिजली कंपनियों का मुख्यालय जबलपुर रामपुर में स्थित है। उसके बावजूद अस्पताल में सभी इलाज के लिए डॉक्टरों की अत्याधिक कमी है। विद्युत मंडल की कंपनियों में हर दिन तकनीकी कर्मचारियों के साथ घटनाएं होती रहती है, लेकिन बिजली कंपनी के अस्पताल की दुर्दशा देखते हुए उनके द्वारा अन्य अस्पताल में इलाज कराया जाता है। संघ ने मांग की है कि घायल तकनीकी कर्मचारियों का इलाज विद्युत मंडल के अस्पताल में कराया जाए और अस्पताल में हर समय अतिआवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराई जाए।