महाकौशल विज्ञान परिषद द्वारा मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, ट्रिपल आईटीडीएम एवं जिला प्रशासन के सहयोग से नवम्बर माह में जबलपुर में महाकौशल विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं आरोग्य मेला का आयोजन किया जायेगा। मेले की तैयारियों को लेकर आज कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया तथा इसकी रूप-रेखा पर विस्तार से चर्चा की गई।
कलेक्ट्रेट में संपन्न हुई इस बैठक में बताया गया कि विज्ञान भारती की प्रांतीय इकाई महाकौशल विज्ञान परिषद द्वारा आयोजित किये जा रहे इस मेले में इसरो, डीआरडीओ, सीएसआईआर, आईसीएमआर जैसे देश के लगभग 40 प्रतिष्ठित एवं ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक संस्थानों की सहभागिता होगी।
ये संस्थान मेले में आधुनिकतम प्रौद्योगिकी एवं नवीनतम वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रदर्शन करेंगे। मेले के आयोजन से विद्यार्थी, शोधार्थी, शिक्षक, किसान, प्राध्यापक, तकनीकीविद एवं आम नागरिक लाभांवित होंगे। जबलपुर, सागर, शहडोल, रीवा संभाग को मिलाकर पहली बार आयोजित किया जा रहा यह मेला विद्यार्थियों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की अभिरूची जागृत करने का कार्य करेगा।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने महाकौशल विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं आरोग्य मेला में जिला प्रशासन, नगर निगम, स्मार्ट सिटी एवं जबलपुर स्थित संस्थानों की पर्यावरण, स्वच्छता, पेयजल, कृषि एवं प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों को भी प्रदर्शित किये जाने पर जोर दिया। उन्होंने मेले में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के स्टॉल लगाये जाने की सलाह भी दी।
दीपक सक्सेना ने कहा कि महाकौशल विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं आरोग्य मेला के आयोजन को भव्यता प्रदान करने नगर निगम और स्मार्ट सिटी सहित सभी शासकीय विभागों को इससे जोड़ा जायेगा। कलेक्टर ने ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी इस मेले का लाभ उठा सके इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी एवं अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा के माध्यम से स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि महाकौशल विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं आरोग्य मेला संभवत: नवम्बर माह के दूसरे पखवाड़ो में आयोजित किया जायेगा। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह, महाकौशल विज्ञान परिषद के प्रांत अध्यक्ष प्रो. एसपी गौतम, संगठन मंत्री महाकौशल एवं छत्तीसगढ़ अंकित राय, ट्रिपल आईटीडीएम के डायरेक्टर भारतेन्दु सिंह, मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. पुष्पराज सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया डॉ. संदीप कुशवाहा, डॉ. निपुण सिलावट, डॉ. मुक्ता भटेले भी मौजूद थे।