मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के अंतर्गत ऊर्जा विभाग में प्रशिक्षण लेने वाले युवा सड़कों पर दर-बदर की ठोकरें खा रहे, उन्हें अभी तक कोई रोजगार नही मिला। मध्य प्रदेश परिसंघ के संयोजक इंजीनियर राहुल अहिरवार ने बताया कि प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना की घोषणा की गई थी एवं कहा था कि छात्रों को काम सीखने के साथ-साथ स्टायफंड भी मिलेगा।
राहुल अहिरवार ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोषणा करते हुए कहा था कि प्रशिक्षणार्थियों को उसी विभाग में या अन्य किसी विभाग में नियमित रोजगार प्रदान किया जाएगा, परंतु वर्तमान में 3 सितंबर तक समस्त प्रशिक्षणार्थियों की ट्रेनिंग समाप्त हो गई है तथा ऊर्जा विभाग में लगे हुए समस्त युवाओं को उनके प्रतिष्ठानों ने कार्य मुक्त कर दिया है।
प्राइवेट कंपनियों में प्रशिक्षण ले रहे, युवाओं को तो कंपनी रोजगार प्रदान कर रही है, लेकिन सरकारी ऊर्जा विभाग में लगे हुए समस्त युवा पूरी तरह से बेरोजगार हो गए हैं। योजना के अनुरूप युवा स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकते हैं, लेकिन ऊर्जा विभाग में ट्रेनिंग ले रहे समस्त युवा स्वयं का विद्युत विभाग या स्वयं की ट्रांसफार्मर सुधार कंपनी नहीं खोल सकते, इस तरह समस्त युवा पूरी तरह से बेरोजगार हो गये है, समस्त युवाओं के हित में मध्य प्रदेश शासन को ही निर्णय लेना चाहिए।
युवाओं के द्वारा अपने-अपने प्रतिष्ठानों में रोजगार हेतु कोशिश की गई है, लेकिन प्रतिष्ठानों ने स्पष्ट मना कर दिया कि शासन से कोई आदेश नहीं आया अगर शासन से कोई आदेश आता है, तो प्रतिष्ठान कार्यवाही करने के लिए तैयार है। इस प्रकार ऊर्जा विभाग के समस्त युवा भोपाल की सड़कों पर दर-बदर की ठोकरें खा रहे हैं और मध्य प्रदेश शासन को अनेकों ज्ञापन भी दे चुके हैं, परंतु मध्य प्रदेश शासन ने आज दिनांक तक कोई भी निर्णय नहीं लिया, जिससे मध्यप्रदेश शासन की घोषणाओं की उपेक्षा हो रही है तथा मध्य प्रदेश के समस्त युवाओं का शासन की योजनाओं के प्रति गहरा रोष एवं असंतोष व्याप्त है।
संगठन के संयोजक इंजीनियर राहुल अहिरवार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग, प्रमुख सचिव तकनीकी एवं कौशल विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश शासन से मांग की है, मध्य प्रदेश के युवाओं के भविष्य को देखते हुए ऊर्जा विभाग के समस्त मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के प्रशिक्षणार्थियों को नियमित पद या संविदा पद पर नियमित रोजगार प्रदान करने का आदेश जारी करें, जिससे मध्य प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहे और उनकी एक साल की ट्रेनिंग का सही उपयोग भी हो। यह भी देखा जा रहा है कि बिजली विभाग में अधिकारी और कर्मचारियों की अच्छी खासी कमी भी है, वहीं मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के युवा छात्र अब पूरी तरह से प्रशिक्षित हो चुके हैं, जिससे कंपनी को कुशल मैन पावर भी मिल जाएगा, मध्य प्रदेश शासन को युवाओं की मांग को स्वीकृत कर समस्त युवाओं को जल्द से जल्द रोजगार प्रदान करना चाहिए।