खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान, ज्वार एवं बाजरा के उपार्जन की तैयारियों के तहत आज शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में वेयर हाउस संचालकों की बैठक आयोजित की गई। जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में वेयर हाउस संचालकों को गोदाम स्तरीय खरीदी केंद्रों के निर्धारण तथा भंडारण केंद्रों के निर्धारण सबंधी नियमों एवं प्रक्रिया की जानकारी दी गई।
कलेक्टर दीपक सक्सेना बैठक में कहा कि धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन और भंडारण की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जायेगी। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीदी गई उपज के भंडारण केंद्रों के लिये प्राथमिकता के अनुसार चिन्हित गोदामों की सूची एक-दो दिन के भीतर वेयर हाउस संचालकों को उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि वेयर हाउस संचालक इस सूची को अच्छे से देख लें और यदि इस पर उन्हें कोई आपत्ति हो तो 30 सितंबर तक उसे दर्ज भी करा दें। दीपक सक्सेना ने कहा कि आपत्तियों के निराकरण के बाद ही उपज के भंडारण के लिये चयनित गोदामों की सूची को अंतिम रूप दिया जायेगा।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बैठक में पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर धान के उपार्जन में सामने आई कमियों को दूर करने वेयर हाउस संचालकों से सुझाव देने का आग्रह भी किया। उन्होंने उपार्जन में वेयर हाउस संचालकों से सहयोग की अपेक्षा करते हुये कहा कि वे वेयर हाउस संचालकों की परेशानियों को समझते हैं। उपार्जन में समिति की गलती हो या सर्वेयर की अथवा ट्रांसपोर्टर की या किसी अन्य की बदनामी वेयर हाउस की ही होती है। इस सबके बावजूद हम सभी को मिलकर ऐसे प्रयास करने होंगे कि इस बार कहीं भी जाँच दल भजेने की नौबत न आये, कोई एफआईआर न हो तथा किसी भी वेयर हाउस को सील या ब्लैक लिस्ट न करना पड़े।
दीपक सक्सेना ने कहा कि उपार्जन के दौरान किसी भी प्रकार की कठिनाई आने पर वे वेयर हाउस संचालकों के लिये हमेशा उपलब्ध रहेंगे। वेयर हाउस संचालक कहीं भी गलती या गड़बड़ी की आशंका होने पर सीधे उनसे या अधिकारियों की टीम से संपर्क कर सकते हैं, ताकि समय पर उन्हें रोका जा सके अथवा सुधारा किया जा सके।
कलेक्टर ने बैठक में वेयर हाउस संचालकों की समस्याएं भी सुनी। उन्होंने कहा कि वेयर हाउस संचालकों को उपार्जन में आने वाली परेशानियों को दूर करने के हर संभव प्रयास किये जायेंगे। कलेक्टर ने वेयर हाउस संचालकों की पिछले तीन-चार वर्षों से गेहूं और धान के भंडारण की राशि नहीं मिलने की शिकायत का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश बैठक में मौजूद अधिकारियों को दिये।
उन्होंने वेयर हाउस संचालकों से सूखत से होने वाली घटी को छह प्रतिशत तक बढाने के मिले सुझाव को शासन को भेजने की बात कही। वेयर हाउस संचालकों ने बैठक में गड़बड़ी करने वाले वेयर हाउस को छह महीने या एक साल की बजाय पाँच साल के लिये ब्लैक लिस्ट करने का सुझाव दिया, ताकि नाम बदलकर फिर से अनुबंध करने की गुंजाइश ही न रहे। वेयर हाउस संचालकों की ओर से उपज के भंडारण के लिये अनुबंध करने या सहमति लेने की बजाय गोदामों का अधिग्रहण करने का सुझाव भी बैठक में दिया गया।
बैठक में प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक एवं डिप्टी कलेक्टर कुलदीप पाराशर, सहायक आपूर्ति नियंत्रक संजय खरे, वेयर हाउस एंड लॉजिस्टिक कारपोरेशन, विपणन संघ के अधिकारी तथा जबलपुर जिला वेयर हाउस एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं वेयर हाउस संचालक मौजूद थे।