सभी शासकीय एवं अशासकीय शालाओं तथा मदरसों में कार्यरत शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ का चारित्रिक सत्यापन एवं पुलिस वेरीफिकेशन कराने के निर्देश शाला प्रचार्यों और प्रधानाध्यापकों को दिए गए हैं।
वर्तमान परिवेश में मासूम बच्चों के साथ हो रही निंदनीय घटनाओं को देखते हुए जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी और जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र योगेश शर्मा द्वारा जारी किए गए इस निर्देश में प्राचार्यों एवं प्रधानाध्यापकों से यह सुनिश्चित करने कहा गया है कि उनके विद्यालय में कार्यरत समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ का चारित्रिक एवं पुलिस वेरीफिकेशन किया गया हो।
प्राचार्यों एवं प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि स्टाफ में शिक्षक, गेम्स टीचर, केयर टेकर, कम्प्यूटर ऑपरेटर तथा गार्ड, सफाई कर्मी, माली, बस ड्राइवर, कंडक्टर, क्लीनर, विद्युत कर्मी जैसे गैर शैक्षणिक स्टाफ का पुलिस वेरीफिकेशन एवं चारित्रिक सत्यापन नहीं हुआ हो तो उनका भी दो दिन के भीतर पुलिस वेरीफिकेशन एवं चारित्रिक सत्यापन अनिवार्य रूप से करा लिया जाये।
निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी स्थिति में ऐसे किसी भी व्यक्ति जिसका चारित्रिक रिकार्ड ठीक नहीं हो या अपराधिक प्रवृत्ति का कोई रिकार्ड रहा हो तो उसे शाला के किसी भी कार्य में संलग्न न करें। शासकीय एवं अशासकीय शालाओं तथा मदरसों के प्राचार्यों एवं प्रधानाध्यापकों से कहा गया है कि उनके यहां पदस्थ सभी शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ का पुलिस एवं चारित्रिक सत्यापन करा लिया गया है, इस आशय का प्रमाण पत्र बीआरसी के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दो दिन के भीतर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें।