मध्यप्रदेश में विद्युत योजना के प्रभावी ढंग से लागू होने और विद्युत अद्योसंरचना में तेज गति से विकास के कारण प्रति व्यक्ति विद्युत खपत में महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में प्रति व्यक्ति विद्युत खपत (रूफ टॉप सोलर खपत को छोड़कर) 1332 (kWh) किलोवाट प्रति घंटा हो गई। पिछले तीन वर्ष में प्रदेश में प्रति व्यक्ति विद्युत खपत में 11.65 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई।
मध्यप्रदेश में वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति विद्युत खपत 1193 किलोवाट प्रति घंटा थी जो बढ़ कर वर्तमान में 1332 किलोवाट प्रति घंटा हो गई। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति विद्युत खपत 1280 किलोवाट प्रति घंटा थी। इस प्रकार प्रदेश में प्रति व्यक्ति किलोवाट घंटे में एक वर्ष के अंतराल में 52 घंटे की बढ़ोत्तरी हुई। वर्तमान में प्रदेश में कुल उपभोक्ताओं की संख्या 1 करोड़ 77 लाख 74 हजार है।
मध्यप्रदेश की उपलब्ध उत्पादन क्षमता चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 23030 मेगावाट हो गई। प्रदेश में अति उच्च्दाब पारेषण लाइनों की लंबाई 44047 सर्किट किलोमीटर हो गई। अति उच्चदाब सब स्टेशनों की क्षमता 83268 एमवीए है। विद्यमान अति उच्चदाब सब स्टेशनों की संख्या 432 है। इनमें 400 केवी के 15,220 केवी के 91 व 132 केवी के 326 सब-स्टेशन हैं।
मध्यप्रदेश में 33 केवी लाइन की लंबाई 61883 सर्किट किलेामीटर, 11 केवी लाइन की लंबाई, 471282 सर्किट किलोमीटर व निम्नदाब (एलटी) लाइन की लंबाई 476434 सर्किट किलोमीटर तक पहुंच गई। लाइनों के इस नेटवर्क से प्रदेश के प्रत्येक अंचल में विद्युत की आपूर्ति संभव हुई है। प्रदेश में 7798 पावर ट्रांसफार्मर व 1042842 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर के माध्यम से सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय संभव हुआ है।