Tuesday, November 26, 2024
Homeआस्थाशारदीय नवरात्रि 2024-प्रथम दिन: माँ शैलपुत्री की आराधना से प्राप्त होते हैं...

शारदीय नवरात्रि 2024-प्रथम दिन: माँ शैलपुत्री की आराधना से प्राप्त होते हैं मनवांछित फल

माँ दुर्गा की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि का आरंभ आज गुरुवार 3 अक्टूबर से हो रहा है। नवरात्रि के नौ दिन माँ दुर्गा के नौ मुख्य रूपों की आराधना की जाती है। जिन्हें नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है।


नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री की आराधना-उपासना की जाती है। माँ शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं इसलिए इन्हें पार्वती एवं हेमवती के नाम से भी जाना जाता है। माँ शैलपुत्री का वाहन वृषभ है, इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल एवं बाएं हाथ में कमल पुष्प है। भक्त माँ शैलपुत्री की आराधना कर मन वांछित फल प्राप्त करते हैं। माँ शैलपुत्री कि आराधना से मूलाधार चक्र जागृत होता है, यहीं से योग साधना का आरम्भ भी माना जाता है।

मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम॥

माँ शैलपुत्री का ध्यान मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
पूणेन्दु निभां गौरी मूलाधार स्थितां प्रथम दुर्गा त्रिनेत्राम्।
पटाम्बर परिधानां रत्नाकिरीटा नामालंकार भूषिता॥
प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुग कुचाम्।
कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम्॥

माँ शैलपुत्री का स्तोत्र
प्रथम दुर्गा त्वंहिभवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्यदायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहिमहामोह: विनाशिन।
मुक्तिभुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रमनाम्यहम्॥

माँ शैलपुत्री का कवच
ओमकार: मेंशिर: पातुमूलाधार निवासिनी।
हींकार: पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी॥
श्रींकारपातुवदने लावाण्या महेश्वरी ।
हुंकार पातु हदयं तारिणी शक्ति स्वघृत।
फट्कार पात सर्वागे सर्व सिद्धि फलप्रदा॥

संबंधित समाचार

ताजा खबर