सभी नौ ग्रहों में शुभ प्रभाव देने के लिए गुरु ग्रह सबसे महत्वपूर्ण है। इसका विभिन्न राशियों में गोचर कुछ राशियों को आसमान में पहुंचाता है तथा कुछ को जमीन पर लाकर खड़ा कर देता है। अगर गुरु ग्रह गोचर में अच्छे स्थान पर है और जातक की कुंडली में विंशोत्तरी दशा अच्छी नहीं है तो भी गुरु के अच्छे स्थान पर होने के कारण जातक बहुत सारी बुराइयों से, बहुत सारी विपदाओं से बच जाता है।
ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय ने बताया कि गुरु ग्रह का गोचर हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। विभिन्न पंचांगों में गुरु ग्रह के विचलन के अलग-अलग समय दिए गए हैं। परंतु सभी समय आसपास ही होते हैं। अतः हम एक समय लेकर प्रभाव की गणना कर रहे हैं।
वर्ष 2022 के प्रारंभ में गुरु ग्रह कुंभ राशि में रहेंगे। 13 अप्रैल 2022 को उनका प्रवेश मीन राशि में होगा। 29 जुलाई से यह मीन राशि में ही वक्री हो जाएंगे तथा 24 नवंबर के शाम को पुनः मीन राशि मे ही मार्गी हो जाएंगे। 31 दिसंबर 2022 तक मीन राशि भ्रमण करेंगे।
सबसे पहले हम गुरु ग्रह का 13 अप्रैल से 29 जुलाई 2022 तक मीन राशि में गोचर की दौरान सभी राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चर्चा करते हैं। मीन राशि के स्वामी गुरु स्वयं है, अतः 13 अप्रैल से उनकी शक्ति में अत्यंत वृद्धि हो जाएगी। 29 जुलाई को गुरू मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। यहाँ जानिए कि इसका आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
मेष राशि
गुरु, मेष राशि में इस दौरान द्वादश भाव में रहेंगे तथा भाग्य भाव और द्वादश भाव के स्वामी रहेंगे। उनकी दृष्टि चतुर्थ भाव, छठे भाव और अष्टम भाव पर होगी। इस दौरान मेष राशि के जातकों के यहां शुभ कार्यों में धन का व्यय होगा। पेट में पीड़ा हो सकती है तथा पेट और उसके आसपास के अंग में चोट लग सकती है। मेष राशि के जातकों को गुरु का जाप करवाना चाहिए।
वृष राशि
इस दौरान वृष राशि के जातकों के एकादश भाव में गुरु विराजमान रहेंगे। उनकी दृष्टि तृतीय भाव, पंचम भाव और सप्तम भाव पर होगी। इस समय वृष राशि के जातक जो अविवाहित हैं, उनकी शादी के बहुत अच्छे संयोग बनेंगे। पुत्र-पत्रियों की उन्नति होगी तथा आप का पराक्रम भी बढ़ेगा। धन का अत्यंत लाभ होगा। इस समय का आपको पूरा लाभ उठाना चाहिए।
मिथुन राशि
13 अप्रैल से 29 जुलाई के बीच मिथुन राशि की कुंडली में गुरु एकादश भाव में रहेंगे। उनकी दृष्टि द्वितीय भाव चतुर्थ भाव और छठे भाव पर होगी। गुरु का गोचर मिथुन राशि के लिए अत्यंत शुभ होगा। धन की वर्षा होगी। सुख में अत्यंत वृद्धि होगी। मकान आदि आप खरीद सकते हैं। पेट में छोटे मोटे रोग हो सकते हैं, जिसके लिए आपको गुरुवार का व्रत करना चाहिए।
कर्क राशि
इस दौरान गुरु आपके भाग्य भाव में रहेंगे और उनकी दृष्टि लग्न भाव, पराक्रम भाव तथा पंचम भाव पर होगी। आपका भाग्य इस दौरान में तेजी से कार्य करेगा। आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। भाई बहनों से आपको सहयोग मिलेगा। आपकी संतान की उन्नति होगी। अगर आप छात्र हैं तो आपके सभी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए इस समय गुरु उनके अष्टम भाव में रहेंगे। उनकी दृष्टि द्वादश भाव द्वितीय भाव और चतुर्थ भाव पर रहेगी। इस दौरान जातक को पेट के आसपास कोई रोग हो सकता है या दुर्घटना में पेट घायल हो सकता है। खर्चों में अत्यंत वृद्धि होगी। सुख के सामान खरीदे जा सकते हैं। धन की आवक भी थोड़ी कमी संभव है। स्थानांतरण भी संभव है। जातक को चाहिए कि वह गुरु की शांति के लिए जाप करवाएं तथा राम रक्षा स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ करें।
कन्या राशि
इस समयावधि में गुरु आपके सप्तम भाव में रहेंगे और उनकी दृष्टि एकादश भाव लग्न और तृतीय भाव पर रहेगी। अविवाहित जातकों के लिए विवाह के बहुत अच्छे सयोंग बनेंगे। जिनकी शादी बहुत दिनों से नहीं हो रही हो उनको इस समय पुखराज धारण करना चाहिए। आय में वृद्धि होगी। भाई बहनों से अच्छा सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य में थोड़ी खराबी आ सकती है। आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन राम रक्षा स्त्रोत का जाप करें और हर गुरुवार व्रत रखें।
तुला राशि
समय गुरु आप के छठे स्थान पर रहेंगे। राज्य भाव व्यय भाव को और आय भाव को देखेंगे। आपके पुराने रोगों से इस समय में राहत मिलेगी। खर्चे में वृद्धि होगी। आय में भी वृद्धि की संभावना है। स्थानांतरण संभव है। आपको चाहिए कि आप किसी विद्वान ब्राह्मण से गुरु की शांति हेतु जाप करवाए।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के पंचम भाव में गुरु विराजमान रहेंगे। यहां से इनकी दृष्टि भाग्य भाव पर, एकादश भाव पर और लग्न पर रहेगी। आपके पुत्र-पुत्रियों का आपको सहयोग प्राप्त होगा। आपके बच्चों को सफलताएं मिलेंगी। अगर आप कोई परीक्षा दे रहे हैं तो उसमें आपको सफलता मिलेगी। भाग्य आपका भरपूर साथ देगा। धन लाभ में थोड़ी कमी आएगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
धनु राशि
इस अवधि में गुरु आपके सुख भाव में रहेंगे। जिससे आपके सुख में अत्यंत वृद्धि होगी। आप सुख वाली सामग्री को खरीद सकते हैं। मकान खरीद सकते हैं। कार खरीद सकते हैं। अष्टम भाव पर भी गुरु दृष्टि होगी। गुरु वहां पर उच्च की दृष्टि से देख रहा है जिसके कारण दुर्घटनाओं में ज्यादा कष्ट नहीं होगा। आपकी खर्चे में बहुत वृद्धि होगी। कचहरी के कामों में आपको सफलता मिलेगी। स्थानांतरण संभव है। आपके चाहिए कि आप भगवान शिव का दूध से अभिषेक करवाएं तथा हर गुरुवार को व्रत रखें।
मकर राशि
गुरु का गोचर इस अवधि में तीसरे भाव में रहेगा, जिसके कारण आपको अपने भाई बहनों का बहुत अच्छा सहयोग मिलेगा। सप्तम भाव पर दृष्टि के कारण यह समय अविवाहित जातकों के लिए अत्यंत उत्तम है। उनकी विवाह होने के बहुत अच्छे योग है। भाग्य भाव पर दृष्टि के कारण भाग्य से सामान्य मदद मिलेगी। एकादश भाव पर दृष्टि के कारण आय में वृद्धि होगी। आपको चाहिए कि आप राम रक्षा स्त्रोत का प्रतिदिन जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के गोचर में उन दिनों गुरु दिव्तीय भाव में रहेगें। जिसके कारण धन वृद्धि की पूरी उम्मीद है। गुरु की दृष्टि के कारण रोगों में वृद्धि होगी। दुर्घटनाओं का योग है। कार्यालय में आपको अच्छा स्थान मिलेगा। प्रमोशन हो सकता है। अतिरिक्त प्रभार मिल सकता है। आपको चाहिए कि आप गुरु की शांति हेतु किसी विद्वान ब्राह्मण से जाप करवायें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों का लग्नेश गुरु है। इस राशि के जातकों के लिए यह अत्यंत उत्तम समय रहेगा। आपके पुत्र-पुत्रियों को अत्यंत लाभ होगा। आपको परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। अविवाहित जातकों के विवाह के अच्छे योग हैं। भाग्य आपका बहुत तेजी से कार्य करेगा। मीन राशि के जातकों को गुरु की इस गोचर से अत्यंत लाभ होगा। संक्षेप में हम कह सकते हैं गुरु का गोचर मीन राशि के जातकों के लिए सबसे शुभ रहेगा।
पं अनिल कुमार पाण्डेय
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
एस्ट्रो साइंटिस्ट और वास्तु शास्त्री
स्टेट बैंक कॉलोनी, मकरोनिया,
सागर, मध्य प्रदेश-470004
संपर्क- 7566503333