भोपाल (हि.स.)। उमंग उल्लास व सरस्वती पूजन का पर्व वसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाया जाएगा। इस बार बसंत पंचमी पर शुभ योग की साक्षी रहेगी। धर्म शास्त्र के अनुसार शुभ योग के स्वामी भगवान श्री गणेश हैं। इस योग में सुख सौभाग्य तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान किए जा सकते हैं। इस योग में मां सरस्वती का पूजन भी शुभ फलदायी माना गया है।
विशेष बात यह है कि बसंत पंचमी पर रवि योग भी रहेगा यह योग स्वर्ण की खरीदी तथा नवीन प्रतिष्ठान के शुभारंभ के लिए विशेष माना गया है। इन विशिष्ट योग में विवाह आदि मांगलिक कार्य भी शुभ फलदायी माने गए हैं।
इस बार बसंत पंचमी बुधवार के दिन
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी ने सोमवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस बार बसंत पंचमी बुधवार के दिन रेवती नक्षत्र, शुभ योग तथा मीन राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। शुभ योग को भगवान श्री गणेश का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिए इस योग में किए गए कार्य रिद्धि सिद्धि के साथ शुभ लाभ प्रदान करने वाले माने गए हैं।
कार्य की सफलता 5 गुना शुभ फलदायी
उन्होंने बताया कि रेवती नक्षत्र पंचक का अन्तिम नक्षत्र है। इस दृष्टि से उतरते नक्षत्र में किए गए कार्य की सफलता 5 गुना शुभ फलदायी मानी जाती है। ऐसे शुभ लक्षणों से युक्त बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजा, नवीन प्रतिष्ठानों का शुभारंभ, गृह प्रवेश, गृह आरंभ तथा विवाह आदि मांगलिक कार्य करना शुभ माना गया है।
विद्या आरंभ के लिए सर्वोत्तम दिन
डॉ. तिवारी ने बताया कि बसंत पंचमी ज्ञान की देवी माता सरस्वती के प्राकट्य का दिन है। इस दिन बच्चों का विद्या आरंभ संस्कार कराया जाता है। मान्यता है इस दिन ली गई दीक्षा और प्राप्त की गई शिक्षा जीवन पर्यंत शुभ बुद्धि के रूप में विराजमान रहती है। इसलिए विद्या आरंभ व पूजन की परंपरा शास्त्रों में भी बताई गई है।
दिनभर करें स्वर्ण व वाहनों की खरीदी
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में योग संयोग का बड़ा महत्व है। इस बार बसंत पंचमी पर रवि योग का संयोग रहेगा। रवि योग के संबंध में कहा जाता है कि इस दिन किसी नए कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्ति का योग प्रबल हो जाता है। इसलिए इस योग में नए कल कारखाने की शुरुआत, नई दुकान का शुभारंभ, दो व चार पहिया वाहनों की खरीदी तथा सोना खरीदना विशेष माना गया है। स्वर्ण से बने आभूषण व सोने के सिक्के भी इस दिन खरीदने का विशेष महत्व है।