वर्तमान समय में शेयर मार्केट आय का एक अच्छा स्रोत है, परंतु इसमें काफी रिस्क भी है। आइए हम कुंडली के माध्यम से पता करते हैं कि आपको शेयर मार्केट से लाभ प्राप्त होगा या नहीं। हम सभी जानते हैं शेयर से लाभ प्राप्त करने के लिए कुंडली के लाभ भाव का मजबूत होना आवश्यक है। लाभेश, लाभ भाव में स्थित ग्रह और लाभ भाव पर दृष्टि डालने वाले ग्रहों पर ध्यान देना आवश्यक होगा। शेयर से लाभ एकाएक प्राप्त होता है। अतः लाभेश ऐसा होना चाहिए, जो कि एक का एक लाभ देता हो जैसे शनि। अगर मजबूत शनि की लाभ भाव पर दृष्टि है या लाभ भाव में है या लाभेश है तो आपको शेयर बाजार से लाभ हो सकता है।
शेयर बाजार में लाभ प्राप्त करने के लिए भाग्य का मजबूत होना आवश्यक है। कुंडली में भाग्य का विचार नवम भाव से किया जाता है। भाग्य भाव के मजबूत होने के लिए उसमें शुभ ग्रह होने चाहिए। साथ ही भाग्य भाव में स्थित ग्रह मजबूत भी होना चाहिए। ग्रह के मजबूत होने का अर्थ है ग्रह अपनी उच्च राशि में हो या स्वयं के भाव में हो या मित्र भाव में हो। इसके अलावा भाग्य का भी मजबूत होना आवश्यक है। भाग्य भाव पर शुभ ग्रहों की दृष्टि होना चाहिए। अशुभ ग्रहों की दृष्टि से भाग्य भाव कमजोर हो जाता है।
शेयर मार्केट में विजय के लिए आपको निरंतर अध्ययनरत रहना पड़ता है। शेयर मार्केट के लिए पंचम भाव भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां पर भी वही पुराने नियम ही लागू होंगे ,अर्थात पंचमेश पंचम भाव में स्थित ग्रह और पंचम भाव पर दृष्टि डालने वाले ग्रहों ग्रहों की स्थिति इन सभी का अध्ययन करना पड़ेगा। लॉटरी सट्टा जुआ आदि के लिए राहु और शनि सबसे महत्वपूर्ण क्या है, अतः इनके बारे में विशेष रुप से ध्यान देना होगा। इसके अलावा आपके लग्न का वर्तमान गोचर कुंडली और दशा, अंतर्दशा, प्रत्यंतर दशा पर भी ध्यान देना चाहिए। अगर वर्तमान गोचर कुंडली खराब है या दशा प्रत्यंतर दशा अंतर्दशा खराब है तो भी आपको शेयर के कार्य में लाभ मिलने की संभावना कम हो जाएगी।