नौतपा एवं ज्योतिष विज्ञान


ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय

प्राचीन काल में हमारा अर्थात हिंदू धर्म का विज्ञान से अत्यंत घनिष्ठ संबंध था। हमारे मनीषियों ने बहुत शोध के उपरांत मौसम के बारे में भी बहुत कुछ बताया था। आधुनिक भारत में अज्ञान के कारण प्राचीन भारतीय ज्ञान को नहीं माना जाता है। आज हम ‘ज्योतिष और मौसम विज्ञान’ पर विशेष रुप से गर्मी में पढ़ने वाले नौतपा की चर्चा करेंगे।

ज्योतिष में गणना के द्वारा बताया जाता है कि वर्ष कितनी वर्षा होगी, कितनी गर्मी पड़ेगी, वर्षा की क्या मात्रा होगी, ठंड कितनी पड़ेगी, आदि आदि। उपयोगकर्ताओं के लिए यह जानकारियां बहुत महत्वपूर्ण है। भारतवर्ष में तीन ऋतुएं होती हैं। ग्रीष्म, वर्षा एवं शीत ऋतु। पृथ्वी के ऊपर 3 काल्पनिक रेखाएं हैं, जिनको मकर रेखा, भूमध्य रेखा एवं कर्क रेखा कहते हैं।

मकर रेखा पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के समानांतर 23 डिग्री 26 मिनट 22 सेकंड दक्षिण पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है। 22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत चमकता है और इस समय भारतवर्ष में काफी ठंड पड़ती है। मकर रेखा पर चमकने के उपरांत सूर्य वापस भूमध्य रेखा पर आता है और उसके उपरांत कर्क रेखा पर पहुंचता है।

कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के समानांतर 23 डिग्री 26 मिनट 22 सेकंड पर ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई काल्पनिक रेखा है। इस रेखा पर सूर्य 21 जून को उसके लंबवत चमकता है। उत्तरी गोलार्ध में यह दिन सबसे लंबा एवं रात सबसे छोटी होती है। यहां पर इस समय बहुत अधिक गर्मी होती है।

भूमध्य रेखा भारतवर्ष से होकर नहीं जाती है, परंतु कर्क रेखा भारतवर्ष के बीच से उज्जैन आदि शहरों में से होकर निकलती है।
उपरोक्त से स्पष्ट है कि भारतवर्ष का मौसम भूमध्य रेखा और कर्क रेखा पर के बीच में सूर्य के भ्रमण पर बहुत हद तक निर्भर करता है। नौतपा भी सूर्य के भ्रमण की वजह से पड़ता है।

21 जून को जब सूर्य की किरण है सीधे कर्क रेखा पर पड़ती है, उस समय भारतवर्ष में मानसून भी आ जाता है अतः उस समय का मौसम सबसे गर्म मौसम नहीं कहा जा सकता है।

सूर्य वृष राशि में 14, 15 या 16 मई को प्रवेश करता है। प्रवेश करते समय सूर्य कृतिका नक्षत्र में रहता है। इस वर्ष सूर्य 15 मई को प्रातःकाल 5 बजकर 51 मिनट पर वृष राशि में प्रवेश करेंगे और उस समय कृतिका नक्षत्र रहेगा। कृतिका नक्षत्र का स्वामी अग्नि होता है, अतः इस समय गर्मी में काफी तेजी आ जाएगी। सूर्य 25 मई को दोपहर 3:11 से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा तथा अगले 15 दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में ही रहेगा। परंतु इसमें प्रारंभ के 9 दिन विशेष महत्वपूर्ण होते हैं । 9 दिनों को नौतपा कहते हैं।

देशभर में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. मौसम विभाग ने भी आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ने के संकेत दिए हैं। मध्यप्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच अब 25 मई से नौ दिन तक धरती और भी तेज तपेगी। 25 मई से नौतपा शुरू होगा। रोहिणी नक्षत्र के स्वामी ब्रह्मा जी होते है। नौतपा का प्रारंभ 25 मई से होकर 5 जून तक चलेगा।

नौतपा का उल्लेख केवल मध्य प्रदेश के पंचांग में होता है। काशी, बांग्ला, मराठा आदि पंचांगों में इसका विवरण नहीं मिलता है। सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में जाता है, तो उसकी तपन बढ़ जाती है। इस तपन के कारण मानसून के सक्रिय होने का समय प्रारंभ होता है। अगर नौतपा बहुत गर्म नहीं हो तो मानसून भी अच्छा नहीं होता है। हमारे देश की पूरी अर्थव्यवस्था मानसून पर टिकी हुई है। अतः ईश्वर से प्रार्थना है कि देश में अच्छा मानसून हो और अच्छी फसल हो। भारतीय स्वस्थ रहें समृद्ध रहें।

संपर्क
पं अनिल कुमार पाण्डेय
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ और वास्तु शास्त्री
स्टेट बैंक कॉलोनी, मकरोनिया,
सागर, मध्य प्रदेश- 470004
मोबाइल- 8959594400
व्हाट्सएप- 7566503333