Friday, December 13, 2024
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सोमवार 16 दिसंबर 2024 से होगा पौष मास का आरंभ, सूर्यदेव की पूजा से मिलेगा शुभ फल

ग्वालियर (हि.स.)। हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष मास का आरंभ 16 दिसंबर 2024 से हो रहा है और पौष मास सोमवार 13 जनवरी 2025 को समाप्त हो जाएगा।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि मान्यता है कि इस माह में पिंडदान और तर्पण करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।

वहीं सूर्य देव की पूजा करने से साधक को तेज, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। विधिपूर्वक पिंडदान करने से पूर्वजों को बैकुंठ की प्राप्ति होती है और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है।

पौष मास का महत्व

पौष मास में प्रत्येक दिन तांबे के लोटे में लाल रंग के फूल, लाल चंदन जल और गंगाजल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इस दौरान ‘ऊँ सूर्याय नम:’ मंत्र का जप करें। माना जाता है कि सूर्यदेव को जल देने से रुके हुए काम पूरे होते हैं और मनचाही नौकरी प्राप्त होती है।

पौष मास में गंगा, यमुना, अलकनंदा, शिप्रा, नर्मदा, सरस्वति जैसी नदियों में, प्रयागराज के संगम में स्नान करने तथा तीर्थ दर्शन करने की भी परंपरा है। इस माह में व्रत-उपवास, दान और पूजा-पाठ के साथ ही पवित्र नदियों में स्नान का बहुत महत्व बताया गया है। इस पवित्र पौष मास में किए गए धार्मिक कर्मों से कई गुना पुण्य फल मिलता है।

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