सनातन संस्कृति में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं और हर एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाता है।इस बार रमा एकादशी 1 नवंबर को पड़ रही है।
कार्तिक मास में पड़ने वाली पहली एकादशी रमा एकादशी को रंभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी को भगवान विष्णु के साथ-साथ माँ लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। कहते हैं कि इस दिन माँ लक्ष्मी के रमा स्वरूप की पूजा की जाती है। रमा एकादशी का व्रत करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होता और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस साल रमा एकादशी का व्रत इंद्र योग में रखा जाएगा। इस बार सोमवार 1 नवंबर की रात 9:05 बजे तक इंद्र योग रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इंद्र योग को मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह 7:56 बजे से सुबह 9:19 बजे तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 31 अक्टूबर की सुबह 2:27 बजे से प्रारंभ होकर 1 नवंबर की दोपहर 1:21 बजे तक रहेगी। वहीं व्रत पारण का शुभ समय मंगलवार 2 नवंबर को सुबह 6:39 बजे से सुबह 8:56 बजे तक है।