तीस साल बाद कुंभ में सूर्य-शनि की युति होने जा रही है। ऐसे में कई राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है। फरवरी में सूर्य की अपने पुत्र शनि के साथ युति बनने जा रही है। शनि 11 फरवरी को अस्त हो रहे हैं और फिर 13 फरवरी को सूर्य मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस तरह से सूर्य-शनि की कुंभ राशि में युति बनेगी। सूर्य-शनि की यह युति 14 मार्च तक रहेगी।
सूर्य और शनि का आपस में शत्रुता का भाव रहता है। कुंभ राशि में सूर्य-शनि की यह युति करीब तीस सालों के बाद बन रही है। ज्योतिषियों ने सूर्य-शनि की युति से कुछ राशि वालों सतर्क रहने की सलाह दी है।
ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा के बताए अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित समय में अपनी राशि बदलते रहते हैं। जिससे किसी न किसी राशि में अन्य ग्रहों के साथ युति बनती रहती है। सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। सूर्य हर एक माह में अपनी राशि बदलते हैं। सूर्य के एक महीने में राशि बदलने के कारण किसी न किसी के साथ युति बनती है।
इन राशि वालों को रहना होगा सावधान
कर्क राशि: सूर्य-शनि की युति आपके आठवें भाव में हो रही है। ऐसे में कर्क राशि के जातकों को कुछ सावधान रहने की जरूरत है। इस युति से आपको कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ सकता है। कार्य में असफलताएं हासिल हो सकती हैं। किसी काम में लापरवाही भारी पड़ सकती है। धन हानि की आशंका ज्यादा है। नौकरीपेशा जातकों को कार्यक्षेत्र में कुछ एक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार में लाभ कमाने के लिए कुछ ज्यादा परिश्रम करना पड़ सकता है।
सिंह राशिः आपकी राशि के लिए सूर्य-शनि की युति सातवें भाव में होने जा रही है। कुंडली का सातवां भाव साझेदारी का होता है। ऐसे में इस राशि के जातकों को थोड़ा संभलकर चलना होगा। नौकरीपेशा जातकों को कुछ ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होगी। आपको अपने शत्रुओं से सावधान रहना होगा। नहीं तो वे आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। किसी से बिना बात के न उलझें नहीं तो आप कानूनी दांव-पेंच में फंस सकते हैं। किसी को धन उधार देने से बचें।
कुंभ राशिः सूर्य-शनि की युति आपके पहले भाव में होने जा रही है। ऐसे में कुंभ राशि के जातकों के जीवन में कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस राशि के जातकों को व्यापार और नौकरी में नुकसान उठाना पड़ सकता है। आपको किसी कार्य में सफल होने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। नौकरी में आपके ऊपर काम का दबाव ज्यादा रह सकता है। बेवजह के खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है। परिवार में किसी बात को लेकर घर के बाकी सदस्यों से मनमुटाव हो सकता है।
(हि.स.)