शुक्र ग्रह को राक्षसों का गुरु कहते हैं। शुक्र की विशेषता रखने वाले जातक श्याम वर्ण, कामी, वात-कफ प्रकृति वाले, अत्यंत सुंदर, राजस प्रकृति युक्त लीला करने वाले, बुद्धिमान और विशाल नेत्र युक्त स्वरूप वाले होते हैं। शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि का स्वामी होता है। मीन राशि में उच्च का और कन्या राशि में नीच का होता है। इस प्रकार सिंह राशि से कन्या राशि में शुक्र का प्रवेश उसको नीच राशि का बना देता है।
लाला रामस्वरूप पंचांग के अनुसार 3 नवंबर 2023 को 8:19 बजे दिन से शुक्र कन्या राशि में प्रवेश करेगा तथा 29 नवंबर को 3:57 बजे रात तक रहेगा। इसी प्रकार भुवन विजय पंचांग के अनुसार 2 नवंबर को तीन घटी 42 पल पर शुक्र कन्या राशि में जाएगा। पुष्पांजलि पंचांग के अनुसार शुक्र ग्रह 2 नवंबर को 5:04 बजे रात्रि अंत से कन्या राशि में गोचर करेंगे।
शुक्र का यह गोचर सर्वार्थ सिद्ध योग में हो रहा है। यह योग अत्यंत शुभ योग होता है। समयानुसार शुक्र विभिन्न ग्रहों के संयोग के कारण मेष, कर्क, तुला और मकर राशि वाले जातकों को नीच भंग राजयोग के कारण उत्तम फल देगा। इसी प्रकार 6 नवंबर के बाद सिंह वृश्चिक और कुंभ राशि वालों को भी उत्तम फल प्राप्त होंगे।
मेष राशि
शत्रुओं का विनाश करेगा। कर्ज को कम करेगा। रोगों से मुक्ति दिलाएगा।
वृष राशि
संतान को तकलीफ होंगी। संतान से सहयोग प्राप्त नहीं होगा। छात्रों की पढ़ाई में बाधा पड़ेगी।
मिथुन राशि
जनता में प्रतिष्ठा गिरेगी। माता जी को कष्ट होगा। सुख में कमी आएगी।
कर्क राशि
पराक्रम बढ़ेगा। भाग्य में वृद्धि होगी। भाई बहनों से संबंध अच्छे बनेंगे।
सिंह राशि
6 नवंबर के बाद सिंह राशि के जातकों को शुक्र के उत्तम फल प्राप्त होंगे। धन की वृद्धि होगी।
कन्या राशि
स्वास्थ्य खराब होगा। रोग बढ़ सकते हैं।
तुला राशि
कर्ज में वृद्धि होगी। कचहरी के कार्यों में असफलता प्राप्त होगी।
वृश्चिक राशि
6 नवंबर के बाद धन आने का योग बनेगा।
धनु राशि
कार्यालय में आपको असफलता मिलेगी। पिताजी को कष्ट होगा। सरकार से आपके संबंध खराब होंगे।
मकर राशि
6 नवंबर के बाद भाग्य आपका साथ देगा।
कुंभ राशि
6 नवंबर के बाद आप दुर्घटनाओं से आप बचेंगे।
मीन राशि
जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब होगा। विवाह शादी के कार्यक्रमों में बड़ा पड़ेगी।
उपाय
शुक्र के प्रकोप से बचने के लिए शुक्रवार को मंदिर में जाकर भिखारियों को चावल का दान करना चाहिए।