सनातन संस्कृति के विशिष्ट उत्सवों में सम्मिलित पांच दिवसीय दीपोत्सव का आरंभ शुक्रवार 10 नवंबर को धनतेरस के साथ हो रहा है, वहीं दीपावली रविवार 12 नवंबर को मनाई जाएगी।सनातन मान्यता है कि लंका पर विजय के बाद प्रभु श्रीराम, माता सीता एवं लक्ष्मण चौदह वर्ष के वनवास के बाद जब अयोध्या लौटे तो उनके आगमन की खुशी में पूरे अयोध्या राज्य में दीप जलाकर उत्सव मनाया गया था। जिसके बाद से हर वर्ष पूरे भारतवर्ष में दीपोत्सव मनाया जाता है।
दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती, भगवान गणेश के साथ ही कुबेर की भी पूजा की जाती है। जैसे माँ लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है, उसी प्रकार कुबेर को धन का देवता कहा जाता है और जिस घर में ये दोनों निवास करते हैं, वहां पर धन की कभी कमी नहीं होती।
दीपावली पर संध्या के समय माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती, भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर की पूजा करने से सुख, संपत्ति, धन, वैभव और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है। माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे पूरे वर्ष धन का संकट नहीं रहता। माँ लक्ष्मी की पूजा सभी प्रकार के कष्टों को दूर करती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है। इसीलिए माँ लक्ष्मी को सुख-समृद्धि की देवी भी कहा गया है।
दीपावली का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार रविवार 12 नवंबर को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 1:42 बजे दिन तक है, उसके उपरांत अमावस्या लगेगी। अमावस्या अगले दिन अर्थात 13 नवंबर को 2:08 बजे समाप्त होगी। दीपावली रात का त्यौहार है, अतः रविवार 12 नवंबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। वहीं शुक्रवार 10 नवंबर को धनतेरस, शनिवार 11 नवंबर को रूप या नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी।
रविवार 12 नवंबर को दीपावली के दिन सूर्यास्त शाम 5:29 बजे होगा, ऐसे में प्रदोष काल शाम 5:29 बजे से शुरू होगा। दिवाली पर प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 5:39 बजे से शाम 7:35 बजे तक है। इस बार संध्या बेला में लक्ष्मी पूजा के लिए 1 घंटा 56 मिनट का शुभ समय मिलेगा। दीपावली का प्रदोष काल 5:29 बजे से रात 8:08 बजे तक है, जबकि वृषभ काल शाम 5:39 बजे से शाम 7:35 बजे तक है।
इस वर्ष दीपावली पर लक्ष्मी पूजा का निशिता मुहूर्त रात 11:39 बजे से लेकर देर रात 12:32 बजे तक है। लक्ष्मी पूजा निशिता मुहूर्त की अवधि 53 मिनट की होगी। उस समय सिंह लग्न देर रात 12:10 बजे से 2:27 बजे तक है। निशिता काल मुहूर्त में लोग लक्ष्मी मंत्रों को सिद्ध करते हैं। इस बार दीपावली के दिन रविवार 12 नवंबर को दो शुभ योग बन रहे हैं, जिसमें आयुष्मान योग रविवार को प्रात:काल से अपरान्ह 4:25 बजे तक रहेगा। इसके बाद सौभाग्य योग प्रारंभ होगा, जो अगले दिन सोमवार की दोपहर 3:23 बजे तक रहेगा। वहीं स्वाती नक्षत्र दीपावली के दिन प्रात:काल से लेकर देर रात 2:51 बजे तक रहेगा।