Thursday, May 9, 2024
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ब्याज दरों में तत्काल कटौती की संभावना नहींः शक्तिकांत दास

नई दिल्ली (हि.स.)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ किया है कि भारत में अभी ब्याज दरों में कटौती होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक महंगाई और कीमत को नियंत्रित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए अभी तत्काल ब्याज दरों में कटौती करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत आर्थिक विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है और तमाम इंडिकेटर्स आगे भी आर्थिक विकास के जारी रहने के संकेत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर भारत की प्रगति काफी अच्छी रही है और भारत ने वैश्विक चुनौतियों का सामना पूरी मजबूती के साथ किया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर पिछले 4 साल काफी चुनौतियां वाले रहे थे, लेकिन भारत सभी चुनौतियां से निपटने में सफल रहा। देश के फाइनेंशियल सेक्टर में काफी स्थिरता आई है। फिलहाल देश की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी का भी अभी 75 प्रतिशत से अधिक इस्तेमाल हो रहा है। इसके साथ ही महंगाई के मोर्चे पर भी भारतीय रिजर्व बैंक लगातार प्रयत्नशील है और खुदरा महंगाई दर को 4 प्रतिशत तक सीमित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

शक्तिकांत दास कहा कि 2024 में जीडीपी विकास दर के 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि एनएसओ ने 7.4 प्रतिशत विकास दर हासिल होने की संभावना जताई है। जीडीपी विकास दर के अनुमानों को बाजार ने भी काफी सकारात्मक तरीके से लिया है। इसी वजह से पूंजी बाजार में पिछले कुछ दिनों के दौरान काफी तेजी आई है। उन्होंने दावा किया की देश का आर्थिक विकास अगले साल भी जारी रहेगा। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली इकोनॉमी बनाने का जो लक्ष्य तय किया है, उसे भी निश्चित अवधि में पूरा किया जा सकता है। हालांकि वैश्विक चुनौतियों की वजह से इस लक्ष्य को हासिल करने में कठिनाई जरूर हो सकती है, लेकिन प्रतिबद्ध और समन्वित प्रयास से इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया कि अनसिक्योर्ड लोन को लेकर भी आरबीआई सतर्क है और क्रेडिट इकोसिस्टम पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि परेशानियों से निपटने के लिए इसमें हर जरूरी कदम उठाने की तैयारी कर ली गई है। बैंकों के गवर्नेंस प्रैक्टिस की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें भी पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है, जिसकी वजह से पहले की तुलना में जोखिम काफी घट गया है।

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