Friday, April 11, 2025
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मध्य प्रदेश के दो विभागों में अलग-अलग अनुकंपा नीति, बिजली कंपनी के आश्रितों के साथ हो रहा अन्याय

मध्य प्रदेश के दो विभागों में अलग-अलग अनुकंपा नीति लागू होने से हजारों अनुकंपा आश्रितों के साथ अन्याय हो रहा है। एक ओर मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग की अनुकंपा नीति में लिखा है कि सेवाकाल के दौरान मृत होने वाले सभी कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर ऊर्जा विभाग की अनुकंपा नीति मौतों का बंटवारा कर अनुकंपा नियुक्ति में भी भेदभाव कर रही है।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि जब मध्य प्रदेश विद्युत मंडल था, उस समय वित्तीय स्थिति खराब होने का हवाला देकर 1 सितंबर 2000 से अनुकंपा नियुक्ति पर रोक लगा दी गई थी।

चूंकि अब इन 24 वर्षों में मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल सभी उत्तरवर्ती बिजली कंपनियां में आज वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी हो गई है तो ऊर्जा मंत्री को 1 सितंबर 2000 से अनुकंपा नियुक्ति पर लगी रोक को हटाकर सभी को आश्रितों को बिना शर्त और भेदभाव के अनुकंपा नियुक्ति देने के आदेश जारी किए जाने चाहिए।

हरेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि दूसरी ओर मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उतरवर्ती बिजली कंपनियों प्रबंधन के द्वारा नई अनुकंपा नीति लाई गई, जिसमें बिंदु क्रमांक 3.7 में ये प्रावधान किया गया है कि दिनांक 10 अप्रैल 2012 के पूर्व एवं दिनांक 15 नवंबर 2000 के पश्चात दुर्घटना में मृत्यु के प्रकरणों को छोड़कर शेष अस्वीकृत निराकृत एवं लंबित प्रकरणों पर विचार नहीं किया जाना है। तदानुसार दिनांक 15 नवंबर 2000 से दिनांक 10 अप्रैल 2012 के दरम्यान के केवल दुर्घटना मृत्यु के प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है।

हरेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि विद्युत मंडल में सेवाकाल के दौरान गंभीर बीमारी या सामान्य सामान्य मृत्यु प्रकरणों के अनुकंपा आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जाएगी। उन्होंने ऊर्जा मंत्री का ध्यानाकर्षण कर कहा कि मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग की अनुकंपा नीति में लिखा है कि सेवाकाल के दौरान मृत होने वाले सभी अनुकंपा आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। उन्होनें कहा कि ऊर्जा विभाग की बिजली कंपनियों के प्रबंधन के द्वारा बनाई गई नई अनुकंपा नीति में बदलाव कर बिंदु क्रमांक 3.7 को हटाया जाये अथवा ऊर्जा विभाग में भी मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग की अनुकंपा नीति लागू की जाए।

संघ केएन लोखंडे, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, संदीप यादव, पीएन मिश्रा, प्रदीप पांडे, विपतलाल विश्वकर्मा आदि ने मांग की है कि बिजली कंपनियों के सभी अनुकंपा आश्रितों को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

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