करूँ पूजा मैं तुम्हारी ईश्वर,
हे दयानिधि देना मुझको वर
वेतन पाये छय अंक में,
सदा घुमाये कार-जहाज में
घर पे होंवें नौकर-चाकर,
धन्य होय वो मुझको पाकर
घर में ना होवे कोई काम ,
सदा रहे मेरा ही गुलाम
चाय बना कर मुझे जगाये,
खाना पका कर दफतर जाये
पुरा बेतन मुझे टिकाये,
हर संडे फिल्म दिखाये
अपने घर का न लेवे नाम,
गाड़ी-बंगला करदे मेरे नाम
निज घरको कभी न जाये,
फुलों सेज में मुझे सुलाये
सास ननद का कोई काम,
माने माईके को चारो धाम
गोद मेरे जब बालक आये,
उसे सुलाकर मुझे सुलाये
अन्य लड़की पे ना दे ध्यान,
करे सदा ही मेरे गुणगान
-वीरेन्द्र तोमर