राहों में दोराहों में या चौराहों में हैं
आप सदा कैमरे की निगाहों में है
कौन बनेगा प्रधान सेवक अबकी,
किसके साथ किसके बाहों में हैं
चुनावी बिगुल बज चुका है अब,
पांच वाली थाली अब निवालों में है
मेरा बूथ मेरा गौरव मेरा ढाल,
मतदाताओं किसके राजदारों में है
सुरक्षित रहे अब काले हमारे बाल,
पक्का रंग लगा इन खिजाओं में है
राहों में दोराहों में या चौराहों में है
आप सदा कैमरे की निगाहों में है
माया ममता महबूबा वो सोनिया,
भटक गई राहें कौन सी राहों में है
किसके नजर में कौन अच्छा है जी,
क्यों शक़ की सुई इन निगाहों में है
हे नरेंद्र! हे सुरेंद्र! हे मेरे महेंद्र,
आपके साथ आपकी पनाहों में हैं
राहों में दोराहों में या चौराहों में हैं
आप सदा कैमरे की निगाहों में हैं
-मनोज शाह मानस
सुदर्शन पार्क,
मोती नगर, नई दिल्ली