हर तरफ़ फ़ैली बीमारी है
कोरोना इक महामारी है
रात दिन सेवा करें डॉक्टर
कोरोना से जंग जारी है
त्राहि त्राहि करे जन-जन
पीर की हाहाकारी है
निर्देश माने रहें सुरक्षित
सुरक्षा की जिम्मेदारी है
न जाए घर से अकारण
साफ-सफ़ाई तुम्हारी है
प्रेम बांटे मगर स्पर्श बिना
सहयोग लकीर हमारी है
कष्टमयी की करें सहायता
देशसेवा के अधिकारी है
बिन कर्तव्य अधिकार मांगे
क्या कोई हम भिखारी है
बुरे वक़्त पर दें साथ हम
निज-संस्कृति के पुजारी है
परसेवा ही है धर्म हमारा
हम हृदय से संस्कारी हैं
माँगे साथ देश का राजा
अब जनता की बारी है
कोरोना को काटने की
स्वच्छता बेहतर आरी है
श्रम जिनका जनरक्षा में
हृदय उनका आभारी है
-अनामिका वैश्य आईना
लखनऊ