रुप, रंग और ख्याति तेरी,
चम्पा तेरी बहुत निराली,
सुगंधी की है तू खान
आतुर तेरे सब सुगंध के ,
हर जगह पर चर्चे तेरे,
गुण तेरा जग करे बखान
बड़ी अलौकिक महिमा तेरी,
मकरंद की है तू देवी ,
महफ़िल में बढाती सबकी शान
माली तुझको तोड़ ले जाता ,
पर भंवरा तेरे पास न आता,
पर करे तेरे गुण-गान
वरण राधा का मेरे जैसा,
माँ से मकरंद वो लेवे कैसा,
हर जगह वो करे बयान
माँ-बेटे का रिस्ता मेरा,
भंवरा है मेरे बेटे जैसा,
ना कोई अवगुण, ना अभिमान
-वीरेन्द्र तोमर