सोचा नहीं है कि तुमसे
कह भी न पाऊंगा ,
कि तुमसे प्यार है इतना,
तेरे बिन रह न पाऊंगा,
तुम रहो मेरे पहलू में ऐसे,
कि मैं बस तेरे धड़कनों से,
ऐसे ही जीते जाऊंगा,
तड़प रही है राते मेरी,
क्या तुमको बाँहो में कभी,
भर भी क्या पाऊंगा,
चलो बस एक बार ही,
झूठा ही सही हो कि,
तुमको भी मुझसे प्यार है,
ये दुनिया से बोल पाऊंगा,
रुको जरा सा तुम भी,
तुम्हें नजरों में भर लूँ,
तुमसे कहते हुए कि,
ऐतबार है कितना मुझको,
ये बोल न पाऊंगा
-मनोज कुमार