कौन हूँ मैं मेरी पहचान क्या है
क्या लोगों के दिलों में बसी एक अरमान हूँ?
कौन हूं मैं?
दुआ हूँ बद्दुआ हूँ या फिर अजान हूँ
मंदिर की घंटी या प्रार्थना की थाल हूँ
कौन हूँ मैं?
नदी हूँ समुद्र हूँ या फिर तुफान हूँ
नीर हूँ नाव हूँ या फिर पतवार हूँ
कौन हूँ मैं?
बीन हूँ रागिनी हूँ या फिर साज हूँ
आरोह अवरोह या फिर आवाज हूँ
कौन हूँ मैं?
आदि हूँ मध्य हूँ या फिर अंत हूँ
अबला हूँ सबला हूँ या कोई संत हूँ
कौन हूँ मैं?
राम की सिया, शिव की सती या कृष्ण की राधा हूँ
सृष्टि का सारांश हूँ, संपूर्ण हूँ या फिर आधा हूँ
कौन हूँ मैं?
ढूंढते-ढूंढते एक उम्र निकल जाएगी
क्या मेरी पहचान मिल पाएगी?
-डॉ सुनीता मिश्रा