कोरोना ने पाँव पसारे, मचा विश्व में हाहाकार।
ढाता कहर निडर बन कर यूँ, मची हुई है चीख पुकार।
चीन देश वूहान शहर की, कोविड-उन्निस है संतान।
बना रहा जो घूम-घूम कर, सारी दुनिया को शमशान।
नहीं नग्न आँखों से दिखता,छुप कर करता घातक वार।
कोरोना ने पाँव पसारे, मचा विश्व में हाहाकार।
संक्रामक है रोग बाँटता, बना हुआ शातिर शैतान।
श्वसन तंत्र पर हमला करके, पहुँचाता है यह नुकसान।
इंसानों में दिया दिखाई, कोविड-उन्निस पहली बार।
कोरोना ने पाँव पसारे, मचा विश्व में हाहाकार।
खाँसी, ज्वर, सर्दी-जुखाम दे मर्स-सार्स दे घातक रोग।
घोषित हुआ महामारी ये, रहा जगत सारा है भोग।
निपटेंगे इससे सब मिलजुल, कमर कसी हम हैं तैयार।
कोरोना ने पाँव पसारे, मचा विश्व में हाहाकार।
सत्तर डिग्री तापमान भी, सकता नहीं इसे है मार।
दवा नहीं विकसित कर पाया, आज तलक तो यह संसार।
दिन पर दिन आतंकी बनकर, करता बेलगाम विस्तार।
कोरोना ने पाँव पसारे, मचा विश्व में हाहाकार।
भीड़-भाड़ से दूरी रक्खो, धोओ साबुन से तुम हाथ।
आयी विकट आपदा जग में, काट ढूँढना मिलकर साथ।
धैर्य न खोना, मत घबराना, मिलकर देंगे इसको मार।
कोरोना ने पाँव पसारे, मचा विश्व में हाहाकार।
-श्रीमती स्नेहलता ‘नीर’