सरकार को, हर नेता को
अपने-अपने क्षेत्र के
भूखे, बेघर, गरीब लोगों के लिए
रहने-जीने की व्यवस्था करनी चाहिए
निर्धन, बेघर, बेरोजगार मजदूर
सिर्फ़ वोट बैंक नहीं है
वे भी हमारी-तुम्हारी तरह
जीते-जागते इंसान हैं
वे जीवन संघर्ष और
चिर-चुनौतियों की चट्टानी पहचान हैं
उनके ख़ून पसीने से ही
जिन्दगी के अंधेरे हारे हैं
उनके बलबूते पर ही
दुनिया के चमत्कार सारे हैं
वे भी इंसानी-आसमान के
चमकते सितारे हैं
वे भी किसी की
आँख के तारे हैं
-जसवीर त्यागी