हम हक अदा करेंगे- जसवीर त्यागी

नहीं हम कहीं नहीं जायेंगे
कुछ भी तब्दील नहीं होगा

हम विरोध करने वालों का
ईमानदारी से मुकाबला करेंगे

हम अपने ही हाथों से
मेहनत-मजूरी कर
पैदा करेंगे रोटी
और बनायेंगे एक घर

हम भगोड़े नहीं कहलायेंगे
हम मारेंगे नहीं किसी को प्रेम में

हम आखिरी साँस तक
प्रेम को बचाये रखेंगे

हम हँसते-हँसते
हक अदा करेंगे

हम बार-बार
लौट-लौटकर आयेंगे

अब तुम ही बताओ
जब समुद्र में तूफ़ान आता है

क्या ऐसे में मछलियाँ
पानी से दूर चली जाती हैं?

-जसवीर त्यागी