अच्छे दिन और कोरोना- निशांत खुरपाल



हाँ, हम इस मुसीबत से भी निकल जाएँगे
बस तुम साथ रहना और साथ देना
देखना, हमारे भी अच्छे दिन ज़रूर आएँगे
खिलेंगे फूल, उड़ेंगी तितलियाँ, करेंगे भौंरे गुंजार,
बहाकर कश्तियाँ पानी में बच्चे मुस्कुराएएँगे
बस तुम साथ रहना और साथ देना
देखना, हम भी ज़रूर जीत जाएँगे
बरसों से हम थे, हम ही हैं
और हम ही विश्व गुरु कहलाएँगे,
बस तुम साथ रहना और साथ देना
देखना, हम भी ज़रूर जीत जाएँगे
कोई मानेगा गर हार,
तो हम उसे भी ढाँढस बंधाएँगे
ज़माना भले ही थक कर बैठ जाए
हम इसके खिलाफ लड़ते चले जाएँगे
बस तुम साथ रहना और साथ देना
देखना, हमारे भी अच्छे दिन ज़रूर आएँगे
ऐसे ही धीरे-धीरे, गाड़ी पटरी पर आएगी
तुम मोहल्ले में निकलना और हम गली में बैठ जाएँगे
तुम देखना मुझे और मैं तुम्हें
दोनों निशब्द एक दूसरे में खो जाएँगे
बस तुम साथ रहना और साथ देना
हमारे भी अच्छे दिन ज़रूर आएँगे
हर कोई घूमेगा गलियों में फिर से बेखौफ़
और यार अपनी महफिलें सजाएँगे

हाँ, हम मिलकर इस करोना को हराएँगे
बस तुम साथ रहना और साथ देना
देखना हमारे भी अच्छे दिन फिर से लौट आएँगे

-निशांत खुरपाल ‘काबिल’
अध्यापक कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल,
पठानकोट
संपर्क- 7696067140
ईमेल- [email protected]