बेबात जुदा हुए- सुरेन्द्र सैनी

वह ऐसे बिगड़े कि खुदा हुए
छोटी सी बात पर जुदा हुए

ढूंढने चले थे प्रेम का पता
वो तो खुद ही गुमशुदा हुए

कैसी तलाश जो पूरी ना हुई
कस्तूरी-चाह में मौजूदा हुए

झेली है जमाने की दुश्वारियां
ठोकरें खाकर हम शुदा हुए

कोई ना मिला पर हूदा हुए
‘उड़ता’ मुझसे नाराज़ खुदा हुए

-सुरेंद्र सैनी बवानीवाल ‘उड़ता’
झज्जर, हरियाणा
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