ऐ दोस्त!
कितने वर्षों के बाद मिले हो तुम
सोचती हूँ?
काश! ये वक्त बस यही थम जाए
इतने वर्षों के बाद मिले हो तुम
ढेर सारी बातें करना चाहती हूँ,
तुम्हें देखकर याद करना चाहती हूँ उन पलों को
जो हमने स्कूल के समय साथ बिताए थे
फिर शायद हमारी मुलाक़ात हो न हो,
हमारी जिंदगी क्या मोड़ लेगी क्या पता?
लेकिन इस मुलाक़ात को
कैद कर लेना चाहती हूँ
अपनी आँखो में, अपने मन में
यह मुलाक़ात मुझे उस वक्त याद आएगी,
जिस वक्त ऐ दोस्त तुम्हारी याद आएगी।
ममता शर्मा