डॉ निशा अग्रवाल
जयपुर राजस्थान
नित उठ करो योग साधना।
स्वस्थ रहने की यही प्रार्थना।।
सारे रोग योग से भागे।
ह्रदय रोग भी पास ना आवै।।
योग से हो जीवन उजियारा।
मिटे व्याधियों का अंधियारा।।
दर्द दवा और दुआ योग है।
सुखी जीवन का यही संयोग है।।
योग उपचार और औषधि है।
योग बढ़ाए जीवन अवधि है।।
योग साधना में जो जुट जाए।
तनाव मुक्त जीवन हो जाए।।
रोग भगाए योग, करो साधना सारे।
ताजा रहे मनोयोग मिट जाए सारे।।
योग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाए।
जीवाणु, विषाणु से लड़ना सिखाए।।
शक्तिवर्धक औषधि योग है।
बुद्धि प्रबर्धक, चेतन्य योग है।।
काया प्रबल बनाता योग है।
रूप सौंदर्य भी देता योग है।।