Thursday, December 26, 2024

जब ये दिल इश्किया हो जाए: रूची शाही

रूची शाही

जानते हैं इश्क क्या है
सुबह आंख खुलते ही उसका चेहरा देखने की ख्वाहिश
उसकी बातों का याद आना और अपने आप में मुस्कुराना
दिन की शुरुआत उसकी आवाज से हो
जिसमे न जाने कितने नगमें और तराने घुल जाए
वो बस आवाज नही होती
सुनने का सुकून बन जाता है वो शख्स आपके लिए।

फिर हर छोटी से छोटी बात मुंतजिर होती है
कि उसको सुना जाए
और कहे जाने के बाद उसकी होकर रह जाए
वो बातें अहम नही होती पर जिसके साथ बैठे हैं
उससे कहे जाने के बाद वो अहम हो जाती हैं।

कहां फर्क पड़ता है कि वो कैसा दिखता है या दिखती है
जब ये दिल इश्किया हो जाए तो
महबूब से खूबसूरत से कोई शय नही
कायनात की सबसे प्यारी चीज़ कुछ है
तो बस उस शख्स का मुस्कुराना
फिर उसका चेहरा चांद सा हो जाता है
और आपकी आंखे ईद सी।

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