आंखें खोली हैं आज मैंने गर्म और उज्ज्वल सूरज के साथ,
निकला जब बाहर तो मेरे पैरों को
सहला रही थी हरी घास पर पड़ी ओस,
तभी नजर पड़ी मेरी मैगपाई रॉबिन की एक जोड़ी पर
चमकदार नीले काले रंग और सफेद रंग की पट्टी लिए
घुसपैठियों के लिए चौकीदारी करता नर रॉबिन
गुस्से में पंख फड़फड़ाते हुए
और उन्हें बेरहमी से धमकाते हुए,
अपने घोंसले को आरामदायक बनाने में व्यस्त मादा रॉबिन
इस जहान में नए जीवन का स्वागत करने के लिए,
महामारी से नहीं डर,
दोनों अपने-अपने सुरक्षा मानकों के साथ व्यस्त,
एक नया सवेरा और जीवन की नई आशा लिए,
हमारे लिए सुरक्षित और सकारात्मक रहने का संदेश,
अपना कर सुरक्षा के मानदंड के साथ रहने को
जीवन का उपहार देने को हमारी अपनी
आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए
प्रकृति के साथ रहने के लिए एक दुनिया
शांति, अनुग्रह और सद्भाव के साथ
राव शिवराज पाल सिंह
जयपुर, राजस्थान