आईना देखा करो: अंजना वर्मा

मैंने आईना देखकर
अपने को कितना सजाया-सँवारा है 
आत्मा तक 
यह मत कहो कि आईना देखना बुरा है
या बनना-सँवरना आत्मरति है

यह मानो
कि किसी और के सजने-सँवरने से
फर्क तुम्हारी जिंदगी में भी पड़ता है
तुम भी सुंदर बनने का प्रयास करते हो

अखरते सत्य को
शिवम् के पथ से
सुंदरम् की ओर ले चलना ही
मंजिल की राह है
इसीलिए 
हर दिन आईना देखा करो

अंजना वर्मा
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