माँ दिल से जब पुकारा हूँ: कालीचरण नाग

तेरे छू देने से मुझे जिंदगी सी मिल जाती है
चेहरे में हँसी, दिल में खुशी मिल जाती है

तेरे आंखो में मेरी आंख, जब मिल जाती है
धडकनों को एक सांस, जीने की मिल जाती है

जब होता है तेरा, प्यार का हाथ मेरे सिर में
एक खुशनुमा पल की, आहट मिल जाती है

कभी कभी तेरे हाथों से, प्यार की भूख मिट जाती है
जिंदगी की बची सारी, खुशियां मिल जाती है

लेकर नाम तेरा, दिल से जब पुकारा हूँ
तेरी बाहों में मैंने, खुद को संवारा हूँ

मिल जाती है आने की, आहट जब
सोचता ‘नाग’ जमाने का, में सबसे प्यारा हूँ

जब जब गीत प्यार के, तूने बोली है
मीठे मीठे सुर कानों तूने घोली है

यही संसार की तमन्ना, यही सबकी चाहत होती है
खुद रोकर हसीं वादियों में, तुझे सुलाती है

पतझड़ में भी फूलों की, हसीं बन जाती है
माँ तो माँ होती हैं, किस्मत वालो को मिल जाती है

जब गाया नाग ये तराना, माँ दिल वाली होती है
किसी घर खुशियों की होली कहीं दीवाली होती है

कालीचरण नाग
कुड़ारी, सिवनी
मध्य प्रदेश