मेड इन इंडिया मुहिम आज कारगर साबित हुई है जबकि एक ओर मेड इन चाइना है जिसका बेहद खराब गुणवत्ता के कारण बहिष्कार हो रहा है। देश-विदेशों में भारत के मेड इन इंडिया प्रॉडक्ट्स ने ख़ास गुणवत्ता के कारण इक अलग ही पहचान बनाई है, जो कि अपने आप में वाक़ई अहम बात है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाई गई मुहिम मेड इन इंडिया में भारत के सभी नागरिक बढ़-चढ़कर रुचि के साथ हिस्सा ले रहे हैं, जबकि चीनी उत्पादों का सस्ते होने के बावज़ूद पूर्ण बहिष्कार कर रहे हैं।
इसका मुख्य कारण यह है कि यहाँ बात सिर्फ व्यक्तिगत नहीं देश की है। हम देश के लिए सस्ते चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने में कतई पीछे नहीं हटेंगे। बस यही बात रखनी है बहिष्कार मतलब चीन का सम्पूर्ण बहिष्कार। आज समय आ गया है जब हमसब एकजुटता के साथ भारतीय उत्पादों को सम्मान स्वीकार करें और चीनी उत्पादों को बहिष्कृत करें।
गलवान घाटी में चीनी सेनाओं की हरक़तों को मद्देनज़र रखते हुए भारतीय सरकार द्वारा टिकटॉक समेत उनसठ मेड इन चाइना एप्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया और यही नहीं प्ले स्टोर से सभी एप्स को हटा भी दिया गया। इससे मेड इन इंडिया एप्स को प्रोत्साहन मिलेगा जो ज़रूरी भी है।
मेड इन इंडिया मुहिम से जुड़े रहने का अर्थ अपनी भारतीय संस्कृति से जुड़े रहना है। आज मिट्टी के दीपों की तरह कई भारतीय उत्पादों को इक नई पहचान मिलेगी। भारतीय लोगों द्वारा स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।
मेड इन इंडिया मुहिम से जुड़कर हम स्वदेशी रोजगार को पनाह देंगे जो कि एक बेहतर पहल है। हमारे देश का पैसा हमारे देश में ही निवेश हो इससे बढ़कर योजना कोई हो ही नहीं सकती। मेड इन इंडिया मुहिम से देशप्रेम की खुशबू आती है। हम सस्ता नहीं ब्रांडेड लेंगे सिर्फ और सिर्फ स्वदेशी लेंगे।
हमारे भारत के नौजवान वीर सैनिक देश के लिए जान भी कुर्बान कर देते हैं। क्या हम देश के लिए चीनी उत्पादों और चीनी एप्स का बहिष्कार नहीं कर सकते? हमको आज फ़िर से एकता का संदेश देना है। आख़िर एकता में ही शक्ति होती है।
आओ यही मिलकर प्रण करें-
मेड इन इंडिया को अपनाना है
मेड इन चाइना को ठुकराना है
अतुल पाठक
हाथरस, उत्तर प्रदेश
संपर्क-7253099710