साहित्य निश्छल प्रेम: जसवीर त्यागी By लोकेश नशीने - August 3, 2021 Share WhatsAppFacebookCopy URL सड़क पर लगेजामुन के पेड़ों के करीब सेमैं निकला अचानक एक जामुनआकर गिरा मेरे ऊपररंग गया वह मेरी कमीज क्षण भर को मैं ठिठकालेकिन! फिर सोचा कोई पेड़ रंग दे अपने निश्छल प्रेम मेंयह क्या कम है? जसवीर त्यागी