उद्दारक कहूं देश का
या फिर मसीहा आपको
जन्मदिन के अवसर पर
जन्मदिन मुबारक आपको
कदम कदम ये तो बढ़ाते चले गए
जन-जन को साथ लिए ये बढ़ते चले गए
तोड़ा इन्होंने गरीबी, अमीरी का भी बंधन
सद्भाव और समभाव ये भरते चले गए
स्वप्नों को भी साकार इन्होंने ही किया है
हर मुश्किल काम को अंजाम इन्होंने ही दिया है
संस्कृति और विरासत पर जब डाली एक नजर
तो इमारतों का पुनरुद्धार भी इन्होंने ही किया है
नौ साल में चहुंमुखी विकास भारत का किया है
तकनीकी और विज्ञान से सब जोड़ दिया है
चंद्रयान-3 लेके हम चांद पे पहुंच गए
देश ध्वज भी गर्व से फहरा दिया है
नीतियां भी काम की अब बदल रहीं
नई नई योजनाएं काम कर रहीं
कानून नए बन गए भारत विकास के
गांव शहर की धरा अब पुलकित भी हो रही
ऐसे मसीहा को वंदन निशा का है
कलियुग के इस अवतार को नमन निशा का है
जन्मदिन पर देती है बधाई ये आपको
जन-जन की जुवा पे मोदी जी बस नाम आपका है