डॉ निशा अग्रवाल
जयपुर, राजस्थान
रोज सवेरे घर में देखूं टेबल पर अखबार,
समा गया है जिसमे देखो ये सारा संसार
रोज नई खबरें ये लाता
कड़ी नजर सब पर ये रखता
नई खोज और जीत हार की खेलों पर चर्चा ये करता
भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी पर देखो सीधा प्रहार ये करता
बिंदास, दबंग, निष्पक्ष होता है पत्रकार
कलम और कागज की ताकत ही है उसका हथियार
रोके से न रुकता है, ना ही थकता पत्रकार
पूरे साहस से सच्चाई को करता ये उजागार
दिन देखे ना रात वो देखे
सर्दी गर्मी बरसात ना देखे
कलम चलाए महासमर में
देश प्रेम की ज्योत जलाकर
वीर सिपाही की तरह ये
रहता है तैयार
ऐसा होता है पत्रकार
ऐसा होता है पत्रकार