Sunday, October 20, 2024
Homeसाहित्यपिता: सोनल ओमर

पिता: सोनल ओमर

पिता है तो जि़न्दगी है
पिता है तो उम्मीद है
पिता है तो ख़्वाहिश है
पिता है तो फरमाइश है
पिता है तो सहारा है
पिता ही तो किनारा है
पिता धूप में छाँव है
पिता मझधार में नाव है
पिता से ही हम हैं
पिता है तो जीवन है
अज़ीज़ भी वो है
नसीब भी वो है
दुनिया की भीड़ में,
करीब भी वो है
उनकी ही दुआ से
चलती है जि़न्दगी,
क्योंकि भगवान भी वो है
और भाग्य भी वो है

सोनल ओमर
कानपुर, उत्तर प्रदेश

संबंधित समाचार

ताजा खबर