अनामिका गुप्ता
अध्यापिका
सपोटरा, करौली
देख के इंसानों की फितरत
बदल रहा मौसम भी करवट
बदले जब इंसानों ने रंग
कुदरत ने भी बदले ढंग
इसीलिए तो
मई महीने की गर्मी में
सावन सा मौसम है आया
आंधी ओले तूफां बनकर
कुदरत ने देखो कहर है ढाया
उजड़ी बस्तियां उजड़े घर
मर गए पशु पक्षी और जानवर
खंबे पेड़ टावर टूटे
किसी का आशियां, किसी के सपने
तूफानों ने जमकर लूटे
क्या सृष्टि का चक्र है बदला?
क्या कुदरत ले रही है बदला?
संभल जाओ दुनिया वालों
सोचो वरना क्या होगा?
जब उठेगा कदम कुदरत का अगला