अनामिका गुप्ता
अध्यापिका
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, सपोटरा
रूप चौदस नरक चतुर्दशी छोटी दीवाली
सुंदर है प्यारे कितने नाम
जगमग जगमग जलते दीपक
हर लेते हैं तिमिर तमाम
सूर्योदय पूर्व करिए तेलाभयंग
दंतधावन उबटन स्नान से निखरे रूप और रंग
रात घी तेल का बने जो अंजन
सुन लो ए हुजूर
आंख में आंजे तेज बढ़े
बुरी नजर सब होवै दूर
वध किए नरकासुर का नटवर कृष्ण मुरार
16100 कन्या छुड़वा कर
ऋषि मुनि देवता सबका किया उद्धार
रंतिदेव धर्मात्मा लेने आए यमदूत
नरक चतुर्दशी व्रत किया हुए पाप से मुक्त
चौमुखा दीपक जलाकर रखिए मुख्य द्वार
बरसेगी खुशियां घर आंगन
सुख समृद्धि अपरम्पार