पूजा
इस दुनिया के मोह माया में
लोग बहुत से मिलते हैं
अपने पन का रोग लगा के
फिर एक दिन बिछड़ते हैं
उनकी यादों में जीवन का
हर लम्हा थम जाता है
अब वापिस न आयेंगे वो
मन को समझ न आता है
अब ये ठान लिया है मन में
न कोई दोस्त बनाएंगे
ईश्वर की भक्ति में अब हम
अपना मन लगाएंगे