डॉ. निशा अग्रवाल
जयपुर, राजस्थान
(पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को काव्यांजलि)
शांति, सरलता, और ज्ञान के सागर,
भारत के रत्न, रहे सदा उजागर।
पंजाब की मिट्टी से निकले महान,
प्रज्ञा का सूरज, जो देश का अभिमान।
कर्मभूमि पर लिखा इक नया इतिहास,
आर्थिक सुधारों से दिया देश को विश्वास।
मौद्रिक नीति के ज्ञाता, वित्त के चाणक्य,
हर चुनौती का सामना, हर बाधा का पथ्य।
सादगी में समेटे राजनैतिक जीवन,
शब्द कम बोले, पर दिए गहरे चिंतन।
रुपए की मजबूती, विश्व में पहचान,
उनकी नीतियों से, बढ़ा देश का मान।
संघर्षों से सीखा, जीवन का मर्म,
हर संकट में दिखाया, नेतृत्व का धर्म।
न विभाजन, न कलुष, न कोई विवाद,
उनका जीवन रहा, एक आदर्श संवाद।
भारत रत्न की मूरत, लोकतंत्र के प्रहरी,
निष्ठा और धैर्य से जीते हर पहरी।
आज हम उनके चरणों को नमन करें,
उनकी शिक्षा से जीवन में उजियारा भरें।
मनमोहन का जीवन प्रेरणा है हमारी,
हर युग में अमर रहेगी उनकी कहानी।
श्रद्धा के पुष्पों से हम उन्हें वंदन करें,
आओ भारत के सपूत को हम सब नमन करें।