डॉ. निशा अग्रवाल
शिक्षाविद, पाठयपुस्तक लेखिका
जयपुर, राजस्थान
पितरों की याद में, श्राद्ध पक्ष है आता,
मुक्ति के लिए ये, हम सबको समझाता।
आशीर्वाद उनका, जीवन को संवारता,
श्राद्ध का कर्म हमें, सच्चा धर्म सिखाता।
तर्पण से पितर सब अपने, तृप्त होते हैं सदा,
सत्कर्मों का फल तो अपने, जीवन में आता बदा।
पिंडदान से पितरों को, मिले सद्गति का मान,
हमारे भी जीवन में, हो जाता हर संकट आसान।
श्राद्ध पक्ष में करते हैं, पितरों का सम्मान,
उनके आशीष से बढ़े, सदा हमारा ज्ञान।
संस्कार ये प्राचीन हमारे, सिखाते अपनापन,
श्राद्ध का महत्व बड़ा है, धर्म का आराधन।
आओ करें हम सब अपने, पितरों का पूजन,
श्राद्ध पक्ष में ही करें, सच्चा समर्पण।
उनकी आत्मा को मिले, शांति का स्थान,
हमारी भी हर मुश्किल का, यही है समाधान।